Saturday, May 07, 2011

हाइकु दिवस समारोह-2006


गाजियाबाद : ४ दिसम्बर २००६ : विश्व की सबसे छोटी कविता के रूप में चर्चित हाइकु पर केन्द्रित हाइकु दिवस समारोह का आयोजन आज स्थानीय गान्धर्व संगीत महाविद्यालय में महानगर के प्रमुख साहित्यकारों एवम् बुद्धिजीवियों की उपस्थिति में किया गया। समारोह का आयोजन हिन्दी भाषा समेत तमाम भारतीय भाषाओं में हाइकु कविता को आन्दोलन का रूप देने वाले जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व जापानी प्रोफेसर एवम् विभागाध्यक्ष डॉ० सत्यभूषण वर्मा के ७५वें जन्म दिन (जन्म ०४ दिसम्बर १९३२ ई०) के उपलक्ष्य में किया गया। प्रो० वर्मा का १३ जनवरी, २००५ को स्वर्गवास हो गया था। प्रो० सत्यभूषण वर्मा के जन्मदिन को हाइकु दिवस के रूप में मनाए जाने की पहल के अधीन यह सर्वप्रथम आयोजन था।
हाइकु दिवस समारोह की अध्यक्षता प्रख्यात कथाकार से० रा० यात्री ने की तथा संचालन ओम प्रकाश चतुर्वेदी पराग ने किया। कार्यक्रम के संयोजक कमलेश भट्ट कमल ने हाइकु कविता के शिल्प और उसके इतिहास तथा सौन्दर्य बोध व हिन्दी में उसके व्यापक परिदृश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कवि एवम् वृत्तचित्र निर्माता-निर्देशक नरेन्द्र तोमर ने हाइकु की संक्षिप्तता को, चीजों को छोटा बनाकर खूबसूरती के साथ प्रस्तुत कर देने की जापानियों की कला से जोड़कर देखा तथा इस सन्दर्भ में बोनसाई की विशेष रूप से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जापानियों के जीवन में जो जबर्दस्त अनुशासन है उसका प्रभाव उनकी कलाओं में भी दिखाई देता है।
कार्यक्रम में बोलते हुए सुप्रसिद्ध गीतकार डॉ० कुंअर बैचेन ने कहा कि जैसे दोहा और श्लोक स्वतंत्र और पूर्ण रचनाएं हैं, वैसे ही हाइकु भी अपने आप में पूर्ण व स्वतंत्र विधा है। उन्होंने जापान से आई इस १७-अक्षरी हाइकु कविता को अन्तर्राष्ट्रीय विधा बताते हुए महाकवि बाशो द्वारा इस क्षेत्र में अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य किए जाने का उल्लेख किया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में कथाकार से० रा० यात्री ने कहा कि हमारे साहित्य में विशेषकर प्राचीन साहित्य में सूत्र के माध्यम से बहुत सारी बातें कह दी जाती थीं। ऐसा लगता है कि उसी सूत्रात्मकता को जापानियों ने अपने ढंग से कविता के रूप में ढाल दिया। हाइकु किसी बड़ी रचना को कम्प्यूटर की मेमोरी चिप की तरह सुरक्षित कर लेने का भी ढंग है। समारोह में डॉ० अंजु सुमन, डॉ० कुंअर बेचैन, कमलेश भट्ट कमल, ओम प्रकाश चतुर्वेदी 'पराग`, कुसुम अग्रवाल, नेहा बैद, पुष्पा रघु आदि ने अपनी हाइकु कविताएं प्रस्तुत कीं, जिन्हें श्रोताओं ने खुले मन से सराहा।
कार्यक्रम में साहित्यकार एवम् बिल्डर बी० एल० गौड़, उद्योगपति संजय बिन्दल, लघुकथाकार कालीचरण प्रेमी, संगीतकार डॉ० विमला गुप्ता, साहित्यिक संस्था 'गीताभ` के सदस्य राम नारायण मिश्र, राम स्वरूप भास्कर, कृष्ण मित्र, व्यापार कर अध्किारी राजनाथ तिवारी तथा प्रबन्ध्क ओ० पी० पुरोहित आदि के साथ-साथ गान्धर्व महाविद्यालय के रंगकर्मियों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया।


प्रस्तुति-

अनुराधा भट्ट
के०एल०-१५४, कवि नगर,
गाजियाबाद-२०१ ००२
उत्तर प्रदेश

रायबरेली में हाइकु दिवस समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता शम्भूशरण द्विवेदी बंधु ने की तथा कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र बहादुर सिंह 'राजन` ने किया। इस अवसर पर हाइकु कविता के विविध आयामों के लिए डा० सत्यभूषण वर्मा के योगदान की विशेष रूप से वक्ताओं ने चर्चा की। हाइकु दिवस पर जवाहर इन्दु, जय चक्रवर्ती, रामनिवास पंथी, रामनारायण रमण ने अपनी हाइकु कविताओं का पाठ किया।

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